टेरी वर्ल्ड एडेप्टेशन साइंस प्रोग्राम (डब्ल्यूएएसपी) के साथ 4 से 8 अक्टूबर, 2021 को एडेप्टेशन फ्यूचर्स सम्मेलन की सह-मेजबानी करेगा

September 29, 2021
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नई दिल्ली, 29 सितंबर, 2021: द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टीईआरआई) ने बुधवार को 4 से 8 अक्टूबर, 2021 तक होने वाले एडेप्टेशन फ्यूचर्स सम्मेलन के पूर्व-कार्यक्रम के रूप में एक व्यक्तिगत प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में टेरी की महानिदेशक डॉ. विभा धवन ने प्रेस और मीडिया प्रतिनिधियों का स्वागत किया। सभी की उपस्थिति के लिए धन्यवाद देते हुए, उन्होंने कहा, "हमें जलवायु के जोखिमों के अनुकूलन की आवश्यकता है, जिसका एक बड़ा हिस्सा हम पहले से ही अनुभव कर रहे हैं। भारत अत्यधिक संवेदनशील है और जलवायु परिवर्तन के जोखिमों के संपर्क में है। अनुकूलन हमारी योजना का हिस्सा होना चाहिए।"



इससे पहले दिन के दौरान, युवा जलवायु सम्मेलन के दूसरे संस्करण, एडेप्टेशन फ्यूचर्स सम्मेलन का हिस्सा, में माननीय केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने कहा, “दुनिया भर में युवाओं को सामाजिक परिवर्तन का प्रतिनिधि माना जाता है। इसलिए, आज के युवा हमारी धरती की दिशा तय करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। हमें धरती पर होने वाले नुकसान को दूर करने के लिए उपयोग और उत्पादन के स्थायी तरीके सीखने चाहिए।"

इसके बाद सुश्री सुरुचि भदवाल, निदेशक, अर्थ साइंस एंड क्लाइमेट चेंज डिवीजन, टेरी द्वारा एडेप्टेशन फ्यूचर्स सम्मेलन पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी। एडेप्टेशन फ्यूचर्स सम्मेलन के इतिहास पर सबको जानकारी देते हुए, उन्होंने अनुकूलन को पहचानने की आवश्यकता और जलवायु परिवर्तन प्रभावों को संबोधित करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "अनुकूलन सभी देशों के लिए एक आवश्यकता है और न की। एक बड़े विकासशील देश के रूप में, जहां बड़ी संख्या में लोग अपनी आजीविका के लिए जलवायु-संवेदनशील स्रोतों पर निर्भर हैं, भारत को इसका संज्ञान लेने और जलवायु परिवर्तन से संबंधित जोखिमों के लिए तैयार होने की आवश्यकता है।

श्री मंजीव सिंह पुरी, पूर्व राजनयिक और विशिष्ट फेलो, टेरी ने इस बात पर विस्तार देते हुए कहा कि यह सम्मलेन ग्लासगो में होने वाले COP26 और IPCC की 2021 रिपोर्ट को देखते हुए उपयुक्त है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, उन्होंने टिप्पणी की, "जलवायु परिवर्तन के लिए अनुकूलन अनिवार्य है और जलवायु कार्रवाई की दिशा में वैश्विक प्रयासों में प्राथमिकता होनी चाहिए।"

सम्मेलन के महत्व पर बोलते हुए, डॉ आनंद पटवर्धन, प्रोफेसर, मैरीलैंड विश्वविद्यालय और अध्यक्ष, विज्ञान समिति, अनुकूलन फ्यूचर्स, ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, "बढ़ते जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से रेज़ीलियन्स और अनुकूलन के ज़रिए लड़ने के लिए हमें अभी, एक साथ और बड़े पैमाने पर कार्य करने की आवश्यकता है।" और फिर प्रेस और मीडिया प्रतिनिधियों ने विशेषज्ञों के साथ अनुकूलन और इसके विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए बातचीत की। और इन्हीं पहलुओं पर एडेप्टेशन फ्यूचर्स सम्मेलन में भी चर्चा होगी।

एडेप्टेशन फ्यूचर्स सम्मेलन के हिस्से के रूप में, टेरी 29 सितंबर से 1 अक्टूबर, 2021 तक युवा जलवायु सम्मेलन के दूसरे संस्करण की भी मेजबानी कर रहा है ताकि जलवायु कार्रवाई और अनुकूलन पर चर्चा में युवाओं की भागीदारी को शामिल किया जा सके।

टेरी के बारे में

द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट यानि टेरी एक स्वतंत्र, बहुआयामी संगठन है जो शोध, नीति, परामर्श और क्रियान्वयन में सक्षम है। संगठन ने लगभग बीते चार दशकों से भी अधिक समय से ऊर्जा, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में संवाद शुरू करने और ठोस कदम उठाने का कार्य किया है।

संस्थान के शोध और शोध-आधारित समाधानों से उद्योगों और समुदायों पर परिवर्तनकारी असर पड़ा है। संस्थान का मुख्यालय नई दिल्ली में है और गुरुग्राम, बेंगलुरु, गुवाहाटी, मुंबई, पणजी और नैनीताल में इसके स्थानीय केंद्र और परिसर हैं जिसमें वैज्ञानिकों, समाजशास्त्रियों, अर्थशास्त्रियों और इंजीनियरों की एक बहु अनुशासनात्मक टीम कार्यरत है।

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