अगले 10 साल हैं ज़रूरी: WSDS में होगी 2030 के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए चर्चा

24 Jan 2020

- 20 देशों के प्रतिनिधि आएंगे साथ एक ही मंच पर
- वायु प्रदूषण, ई-गतिशीलता, नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, हरित वित्त, नीली अर्थव्यवस्था, टिकाऊ खपत, कई मुख विषयों पर होगी चर्चा।
- सतत विकास में योगदान की होगी पहचान, सस्टेनेबल डेवलपमेंट लीडरशिप अवार्ड से नवाज़ा जाएगा।

WSDS

"अगला दशक इस धरती के निवासियों के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अगर हम अगले दशक में भी निवेश, उपभोग और उत्पादन उसी तरह से करते रहे, जैसा कि अतीत में किया है तो भविष्य में जलवायु परिवर्तन के परिणाम दुनिया भर में जीवन और आजीविका के लिए विनाशकारी होंगे। दूसरी ओर, निम्न-कार्बन अर्थव्यवस्था को अपनाना, सतत विकास लक्ष्य अपनाने में मदद कर सकता है। अगर ऐसा किया गया तो यह 21वीं सदी की बड़ी उपलब्धि हो सकती है"।

ये शब्द हैं लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर निकोलस स्टर्न के, जो इस बार द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट के प्रमुख इवेंट वर्ल्ड सस्टेनेबल डेवलपमेंट समिट (WSDS) 2020 में वक्ता है। दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने के लिए आवाज़े उठनी शुरू हो गयी है। पर WSDS के प्रारंभिक वर्षों में ही इस बारे में चर्चा शुरू हो गयी थी। उस समय लोगों ने जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को शायद महसूस भी नहीं किया था ।

हम जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन के परिणाम भयानक होंगे इसलिए नीति-निर्माता हमें यह बताने के लिए संघर्ष भी कर रहे हैं कि अगर अभी से हमने सतत भविष्य की ओर कदम नहीं बढाए तो आने वाला वक़्त जीवन के लिए एक चुनौती होगा। और इस चुनौती का मुक़ाबला करने के लिए अंतराष्ट्रीय स्तर के नीति निर्माता, नेता और शोधकर्ता एक साथ इस बार 29-31 जनवरी को दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटैट सेंटर में हो रहे WSDS में मिलेंगे और इस मुद्दे पर बातचीत करेंगे ।

पिछले दो दशक में यह सम्मलेन "सतत विकास" के मुद्दे पर प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आयोजन के रूप में उभरा है जो वैश्विक भविष्य पर ध्यान केंद्रित करता है, और विकासशील दुनिया में उन कार्यों पर भी नज़र रखता है जो हमारे साझे भविष्य के लिए ज़रूरी है। इस सम्मलेन की शुरुआत 2001 में दिल्ली सस्टेनेबल डेवलपमेंट समिट (DSDS) के नाम से हुई जिसका उद्घाटन भारत के माननीय पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था। वर्ष 2016 में, इस मंच का नाम बदलकर वर्ल्ड सस्टेनेबल डेवलपमेंट समिट (WSDS) कर दिया गया। पिछले 20 वर्षों में, WSDS में दुनिया भर से देशों के 47 प्रमुखों, 13 नोबेल पुरस्कार विजेताओं, 64 देशों के मंत्रियों, 1700 व्यापारिक नेताओं, 1900+ वक्ताओं और 13,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने शिरकत की है।

क्यों जुड़े WSDS से?

"सतत विकास" का मतलब यह सुनिश्चित करना है कि भावी पीढ़ियों के पास भी वे अवसर और संसाधन हो जो कि वर्तमान पीढ़ी के पास है। अब चुनौती यह है कि "सतत विकास" के उद्देश्यों को हासिल करने के लिए क्या किया जाए। इसके उद्देश्यों और रणनीति पर चर्चा करने के लिए WSDS दुनिया के कोनों से प्रबुद्ध नेताओं और विचारकों को एक ही जगह पर एकजुट होकर अपने विचार व्यक्त करने और वैश्विक समुदाय के लाभ के लिए दीर्घकालिक समाधान प्रदान करने का मंच देता है। WSDS विकासशील देशों में हो रहे वैश्विक मुद्दों पर एकमात्र शिखर सम्मेलन है। और सतत विकास पर एक सामान रूचि के साथ काम करने वाले संगठनों के साथ साझेदारी करता है।



इस सम्मेलन में शामिल होने वाले हितधारकों को मंच पर साझा किए गए विचारों को सीधे अपने संगठनों और देशों में लागू करने की स्वतंत्रता है। अतीत में इस मंच के विचारों ने सरकारी नीतियों में जगह बनायी है और वैश्विक समुदाय के बड़े हिस्से ने इन्हें अपनाया है।

इस बार क्या है ख़ास?

2001 में इसकी शुरुआत से ही यह सम्मलेन पर्यावरण और स्थिरता के सबसे सामयिक मुद्दों की पहचान करके भारत की योजनाओं, नीतियों, प्राथमिकताओं और कार्यों को दिखाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच रहा है। सम्मेलन का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए रूपरेखा तैयार करना है। 2015 में तय हुए, 17 सतत विकास लक्ष्यों का उद्देश्य सभी के लिए एक बेहतर और अधिक टिकाऊ भविष्य तैयार करना है, और इन्हें प्राप्त करने की सीमा वर्ष 2030 रखी गयी है।

सम्मेलन का उद्घाटन श्री प्रकाश जावड़ेकर, माननीय केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री (MoEF&CC), सुबह 9 बजे 29 जनवरी, 2020 को करेंगे। उसके बाद सात थीमैटिक ट्रैक होंगे जिसके अंतर्गत - पानी, ऊर्जा, ई-मोबिलिटी, उद्योग संक्रमण, वायु प्रदूषण, नीली अर्थव्यवस्था और हरित वित्त विषय शामिल होंगे।

प्रमुख वक्ता

लॉर्ड अडैर टर्नर, प्रमुख, एनर्जी ट्रांज़िशन्स कमीशन (ETC), मिस ब्रिजेट कॉलेट, फ्रेंच एम्बेसडर फॉर क्लाइमेट, मिस्टर नाइजेल टॉपिंग, हाई लेवल चैंपियन फॉर क्लाइमेट एक्शन, कॉप26, मिस हेनरियट फिरजमैन, एनवायरनमेंट, क्लाइमेट एंड एनर्जी काउंसिलर, यूरोपियन यूनियन डेलीगेशन टू इंडिया, मिस्टर जेक समिड्ट, मैनेजिंग डायरेक्टर , इंटरनेशनल प्रोग्राम , एनआरडीसी, डॉ. मंस निलसन, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर , स्टॉकहोल्म एनवायरनमेंट इंस्टिट्यूट , डॉ. अदोनाइ हर्रेरा-मार्टिनेज़ , डायरेक्टर, एनवायर्नमेंटल फंड्स, यूरोपियन बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट, मिस्टर जॉन रूमी, सीनियर डायरेक्टर-क्लाइमेट चेंज, वर्ल्ड बैंक , मिस्टर अतुल बगई, हेड ऑफ़ कंट्री ऑफिस (भारत), यूनाइटेड नेशंस एनवायरनमेंट प्रोग्राम (UNEP) एंड मिस शोको नोडा, इंडिया रेजिडेंट रिप्रेजेन्टेटिव, UNDP, और कई अन्य वक्ता इस विश्व स्तरीय सम्मलेन में शामिल होंगे।

इस सम्मलेन में सतत विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए सस्टेनेबल डेवलपमेंट लीडरशिप अवार्ड विजेता के नाम की भी घोषणा की जाएगी। पिछले विजेताओं में फिजी के प्रधान मंत्री श्री फ्रैंक बेनिमारामा (2019), यूरोपीय आयोग के पूर्व अध्यक्ष और पुर्तगाल के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. जोस मैनुअल डोरो बारसो (2015), मेक्सिको के राष्ट्रपति श्री फेलिप काल्डेर हिनोजोसा राष्ट्रपति (2012), पूर्व संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान-की-मून शामिल हैं(2009) ।

WSDS 2020 में एक बड़ा फोकस वायु प्रदूषण पर होगा। हितधारक भारत के लिए पहला उत्सर्जन सूची डेटाबेस विकसित करने सहित कई शमन रणनीतियों पर चर्चा करेंगे। भारत की प्रदूषित हवा को स्वच्छ करने के लिए पिछले साल राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम की शुरुआत की गयी और सरकार की इस पहल को स्विस एजेंसी फॉर डेवलपमेंट एंड कोऑपरेशन (SDC) का सहयोग मिला। टेरी के साथ मिलकर SDC ने भारत में क्लीन एयर प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। WSDS में होगी क्लीन एयर प्रोजेक्ट की घोषणा।

सम्मलेन में कॉरपोरेट कॉन्क्लेव में ई-मोबिलिटी पर होगा ज़ोर, सत्र में स्वच्छ भविष्य की दिशा में बढ़ने के लिए उपलब्ध विकल्पों की खोज पर होगा ध्यान केंद्रित। नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत होंगे मुख्य वक्ता। ई-मोबिलिटी इकोसिस्टम के प्रमुख उद्योग के प्रतिनिधि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सक्षम वातावरण बनाने के बारे में अपने विचार रखेंगे।

सम्मलेन में अनेक महत्वपूर्ण रिपोर्ट और पॉलिसी ब्रीफ भी जारी की जाएंगी, जिसमें "टुवर्ड्स ए लो कार्बन स्टील सेक्टर इन इंडिया" भी शामिल है। यह रिपोर्ट बताती है कैसे उच्च कार्बन युक्त स्टील पर निर्भरता कम करके स्वच्छ पर्यावरण की और कदम बढ़ाया जा सकता हैं।

थीमेटिक ट्रैक की शुरुआत भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत उगो एस्टुटो द्वारा की जाएगी। यूरोपीय संघ और भारत के प्रमुख सीईओ का एक समूह व्यापार संचालन और मूल्य श्रृंखलाओं में जलवायु और स्थिरता लक्ष्यों को निर्धारित करने के लिए एक हरी प्रतिज्ञा पर हस्ताक्षर करेगा।

सम्मलेन में IFAT दिल्ली के पहले संस्करण के अंतर्गत पानी, सीवेज, ठोस अपशिष्ट और रीसाइक्लिंग के लिए एक व्यापार मेले का भी आयोजन किया जाएगा। यह आईएफएटी इंडिया और मेसे मुएनचेन इंडिया द्वारा आयोजित किया जा रहा है । प्रतिदिन सुबह 10 से शाम 6 बजे तक तीन दिवसीय कार्यक्रम में इसका प्रदर्शन होगा।

सम्मलेन के अंतिम दिन प्रोफेसर निकोलस स्टर्न "सस्टेनेबिलिटी, सस्टेनेबल ग्रोथ एंड द ड्राइव टू ए लो-कार्बन इकॉनमी" पर भाषण देंगे और इसके साथ ही इस सम्मलेन का समापन होगा।

ज़्यादा जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: http://wsds.teriin.org/

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