वो कार्बन जो जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए है ज़रूरी

कोस्टल इकोसिस्टम हमारी धरती के सबसे बड़े कार्बन स्टोरहॉउस हैं। लेकिन मानवीय गतिविधियों और भूमि उपयोग में बदलाव की वजह से ये खतरे में हैं। भारत की जलवायु परिवर्तन से निपटने की मुहीम में ब्लू कार्बन की भूमिका पर ध्यान देना ज़रूरी है।


कोस्टल इकोसिस्टम हमारी धरती के सबसे ज़्यादा उत्पादक प्राकृतिक तंत्रों में से एक है। इसके साथ-साथ यह बेहद समृद्ध जैव विविधता का स्रोत भी है। मैंग्रोव्स, समुद्री घास, टाइडल मार्श, रेत टिब्बा कोस्टल इकोसिस्टम का अहम हिस्सा हैं और इन्हें ब्लू कार्बन भी कहा जाता है। यह हमारी धरती के सबसे बड़े कार्बन स्टोरहॉउस भी हैं। कोस्टल इकोसिस्टम में CO2 स्टोर करने की रफ़्तार किसी भी स्थलीय इकोसिस्टम की तुलना में 20 गुना अधिक होती है। भारत की जलवायु परिवर्तन से निपटने की मुहीम में ब्लू कार्बन की भूमिका पर ध्यान देना ज़रूरी है। अधिक जानकारी के लिए पढ़िए यह पॉलिसी ब्रीफ

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