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जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ओपन सोर्स जैसा दृष्टिकोण ज़रूरी; सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करना है तो तकनीक और वित्त पर देना होगा ध्यान: प्रकाश जावड़ेकर

Press Release |
January 29, 2020

- जैफ्री सैक्स, प्रोफेसर और निदेशक, सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट, कोलंबिया विश्वविद्यालय को सस्टेनेबल डेवलपमेंट लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित किया गया।

- तीन दिवसीय सम्मलेन के दौरान वायु प्रदूषण, ई-वाहन, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, हरित वित्त, नीली अर्थव्यवस्था, सतत उपभोग जैसे विषयों पर होगी चर्चा

समुद्र में फैले प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ एक पहल ''Rethink Plastic''

Article |
January 27, 2020

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केंद्रीय मत्स्य शिक्षा संस्थान (सीआईएफई), वर्सोवा के एक अध्ययन के अनुसार मुंबई के मछुवारे जब मछली पकड़ते हैं तो 17 किलोग्राम मछली के साथ 1 किलोग्राम प्लास्टिक भी साथ में आता है। ये वो प्लास्टिक है जो नदी, नालों और लोगों की लापरवाही की वजह से समुद्र में पहुँच रहा है।

अगले 10 साल हैं ज़रूरी: WSDS में होगी 2030 के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए चर्चा

Article |
January 24, 2020

- 20 देशों के प्रतिनिधि आएंगे साथ एक ही मंच पर - वायु प्रदूषण, ई-गतिशीलता, नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, हरित वित्त, नीली अर्थव्यवस्था, टिकाऊ खपत, कई मुख विषयों पर होगी चर्चा। - सतत विकास में योगदान की होगी पहचान, सस्टेनेबल डेवलपमेंट लीडरशिप अवार्ड से नवाज़ा जाएगा।

वायु प्रदूषण से खुद को बचाएं, अपनाएं ये उपाय

Infographics |
December 20, 2019

दिल्ली में वायु प्रदूषण इस साल इस कदर बढ़ा कि इसे स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करना पड़ा। वायु प्रदूषण के मद्देनज़र दिल्ली के लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की गयी। वायु प्रदूषण के हल हैं लेकिन उसके परिणाम हमें तत्काल नहीं मिल सकते। अगर कुछ तरीकों को अपनाएं तो इस प्रदूषित हवा से हम खुद को बचा सकते हैं।

वायु प्रदूषण से बचने के विकल्पों को प्राथमिकता देने की सख्त ज़रूरत

Article |
December 17, 2019

पिछले महीने उत्तर भारत में वायु प्रदूषण असहनीय स्तर पर पहुंच गया था। ज़हरीली हवा को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में जन स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा कर दी गयी थी। निर्माण कार्यों और पूरी ठंड के दौरान पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। पर वायु प्रदूषण की समस्या सिर्फ़ दिल्ली तक ही सीमित नहीं है। भारत के दूसरे शहर भी वायु प्रदूषण से हांफ रहे हैं। दिल्ली के पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश के प्रयागराज (इलाहबाद), कानपुर, आगरा, और लखनऊ भी प्रदूषित शहरों की श्रेणी में आते हैं।

भारत की हवा को स्वच्छ करने की दिशा में टेरी का 10 पॉइंट एक्शन प्लान

Infographics |
December 6, 2019

सरकार ने जनवरी 2019 में पंच वर्षीय राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) की शुरुआत की, जिसमें 2017 को आधार वर्ष मानकर PM2.5 और PM10 को 20-30 प्रतिशत घटाने का लक्ष्य रखा गया था। द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (TERI) के वायु गुणवत्ता डेटा के हालिया विश्लेषण से यह पता चलता है कि इस दिशा में सकारत्मकता नज़र आ रही है, लेकिन राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम को मज़बूत करने के लिए कई उपायों की आवश्यकता है। टेरी ने एनसीएपी की महत्वकाँक्षा को और आगे बढ़ाने के लिए सिफारशें प्रस्तुत की हैं. भारत की हवा को साफ़ करने के लिए 10 सुझाव वाले एक्शन प्लान के बिंदु निचे दिए गए हैं|

समाधान नहीं है मास्क-एयर प्यूरीफायर: 'टेरी' महानिदेशक डॉ. अजय माथुर

Article |
November 15, 2019

इंटरव्यू:'ऑड-इवन से लेकर पराली तक के विकल्प बता रहे हैं 'टेरी' महानिदेशक डॉ. अजय माथुर

सर्दियों में बढ़ने वाले पीएम 2.5 के स्तर को 46% तक कम किया जाना संभव, प्रदूषण के पीक और नॉन -पीक स्त्रोतों को कम करना होगा:टेरी

Press Release |
November 13, 2019

नई दिल्ली नवंबर 13, 2019: हर साल सर्दियों के दौरान बिगड़ती वायु प्रदूषण की समस्या को हल करने के लिए द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट (TERI) ने एक रणनीतिक योजना तैयार की है । द नेचुरल रिसोर्सेज डिफेंस कॉउंसिल(NRDC ) के सह-आयोजन में हुए सस्टेनेबल डायलॉग ऑन एयर पॉल्यूशन पर बोलते हुए टेरी के महानिदेशक डॉ अजय माथुर ने कहा, "दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या का हल निकाला जा सकता है । इसके लिए टेक्नोलॉजी भी है और उसकी लागत के समाधान भी। दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए पीक और नॉन-पीक प्रदूषण स्रोतों पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है और टेरी वायु प्रदूषण स्त्रोतों के इन निश्चित

ग्रीन बिल्डिंग मूवमेंट - बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ़ और पर्यावरण का दोस्त

Article |
November 13, 2019

भारत कार्बन डाई ऑक्साइड गैस उत्सर्जन के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों की श्रेणी में शामिल है। कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन की बढ़ती समस्या में बिल्डिंग निर्माण की भी एक बड़ी भूमिका है। एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2025 तक भारत कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में विश्व में तीसरे स्थान पर होगा। आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है। जलवायु परिवर्तन से पैदा हुई समस्याओं से निपटने के लिए भारत के कुछ समूह ग्रीन बिल्डिंग मूवमेंट को बढ़ावा दे रहे हैं और इन मूवमेंट में से एक है- ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटैट असेसमेंट (GRIHA)।

रूफटॉप सोलर - अपने बिजली के बिलों को कम करें और पर्यावरण बचाएं

Article |
November 6, 2019

सूरत, नई दिल्ली और अन्य शहरों में उपभोक्ताओं ने सोलर रूफटॉप को अपनाकर अपने बिजली के बिलों को कम किया है और साथ ही भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने में भी मदद की है।