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जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत कितना है तैयार?

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April 15, 2020

जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणाम हमारे सामने हैं जैसे मौसम में बढ़ते हुए बदलाव, अनियमित वर्षा, बाढ़ और सूखे जैसी घटनाओं का बार बार होना आदि। यह साफ़ है कि अगर अभी भी हम इन घटनाओं की अनदेखी करते हैं तो निकट भविष्य में हम इनका सामना करने के लिए तैयार नहीं होंगे।

जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा: महिलाओं पर विस्थापन के प्रभाव

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April 7, 2020

प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए भूमि अधिग्रहण के बाद एक नई जगह पर विस्थापन और पुनर्वास पर महिलाओं की धारणा को समझने के लिए टेरी का एक अध्ययन ।

क्या कोरोना के कहर से बच पाएंगे रिसाइक्लिंग से जुड़े अनौपचारिक क्षेत्र के कूड़ा इकठ्ठा करने वाले लोग?

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April 2, 2020

कोरोना वायरस की इस वैश्विक आपदा में न सिर्फ़ कूड़ा प्रबंधन की बल्कि अनौपचारिक क्षेत्र से जुड़े कचरा इकठ्ठा करने वाले लोगों की दशा दयनीय है। कचरा प्रबंधन के इस दौर में, भारत में लगभग 40 लाख अनौपचारिक कूड़ा इकठ्ठा करने वाले हैं। जहाँ भारत की राजधानी दिल्ली में अकेले ही लगभग 5 लाख अनौपचारिक कूड़ा इकठ्ठा करने वाले रहते हैं, वही भारत के प्राचीन शहर वाराणसी में ये लोग लगभग 12000 हैं जो कि इस अचानक से हुए लॉकडाउन में यथा स्थिति में फंसे हुए हैं।

खुद उगाओ, स्वस्थ खाओ, बीमारियों से खुद को बचाओ

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March 9, 2020

क्या आप जानते है कि फलों और सब्ज़ियों के ज़रिए हमारे अंदर नकली रंग और खतरनाक कीटनाशक पहुँच रहे हैं जो हमें बीमार बना रहे हैं। लेकिन रिंकी और बंटी की यह कहानी आपको बताएगी कि कैसे हम अपने घर में ही सब्ज़िया और फल उगाकर इन रंगों और कीटनाशकों से बच सकते हैं।

अपनी जान पर खेलकर जंगली जानवरों को बचाते हैं अमरुत सिंह

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March 9, 2020

अमरुत सिंह को जंगली जानवरों से बहुत प्यार है। जानवरों को बचाते हुए कई बार उन पर जानलेवा हमला भी हो चुका है। उनका संगठन एनिमल रेस्क्यू स्क्वाड गोवा के कुछ संगठनों में से एक है जो जंगली जानवरों को असुरक्षित जगहों से बचाता है। अपनी जान की परवाह न करने वाले अमरुत सिंह की कहानी जानने के बाद, जानवरों से प्यार करने वाले अन्य लोग भी उनसे जुड़ रहे हैं।

गाँवों में पानी के संकट को मिटाएगा जल जीवन मिशन, आसान नहीं है डगर पनघट की

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March 5, 2020

अभी ग्रामीण घरों में पाइप से पानी की आपूर्ति लगभग 18% है और जल जीवन मिशन में इसे 100% तक पहुंचाने का लक्ष्य है। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस 2019 के अवसर पर देश के सभी घरों को पाइप के द्वारा जल उपलब्ध करवाने के लिए “जल जीवन मिशन” की घोषणा की थी। इसके लिए केंद्र और राज्य मिलकर काम करेंगे। घरों तक नल के माध्यम से जल पहुंचाने की इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना पर 3.60 लाख करोड़ रुपये लागत आने का अनुमान है, जिसमें केंद्र सरकार 2.08 लाख करोड़ रुपये अंशदान देगी। 'जल जीवन मिशन' के लिए वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में 11,500 करोड़ रुपये रुपए आवंटित किए हैं।

हिमालयी क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन रिपोर्टिंग के लिए मीडिया फ़ेलोशिप

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March 4, 2020

द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टीईआरआई), इंटरन्यूज़ के अर्थ जर्नलिज्म नेटवर्क के सहयोग से, डिजिटल और प्रिंट पत्रकारों, रेडियो प्रसारकों, वृत्तचित्र / लघु फिल्म निर्माताओं, वीडियो ब्लॉगर्स और अन्य जनसंचार और हिमालय क्षेत्र के लोगों को छह महीने की मीडिया फेलोशिप प्रदान कर रहा है। फेलोशिप का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन पत्रकारिता और संचार पर उनकी क्षमता का निर्माण करना है।

खाद्य सुरक्षा संकट को मिटाना है तो पोषण, भुखमरी और सतत कृषि को एक साथ समझना ज़रूरी

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February 25, 2020

भारत की जनसंख्या अभी 1.04% की सालाना दर से बढ़ रही है। 2030 तक जनसँख्या 1.5 अरब तक पहुँचने का अनुमान है लेकिन इतनी बड़ी जनसँख्या का पेट भरने के लिए खाद्यान उत्पादन में अनेक समस्याएं हैं। जलवायु परिवर्तन न सिर्फ़ आजीविका, पानी की आपूर्ति और मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर रहा है बल्कि खाद्य सुरक्षा के लिए भी चुनौती खड़ी कर रहा है। ऐसे में यह सवाल पैदा होता है कि क्या भारत जलवायु परिवर्तन के खतरों के बीच आने वाले समय में इतनी बड़ी जनसँख्या का पेट भरने के लिए तैयार है?

आपका कूड़ा, आपका खज़ाना

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February 21, 2020

2018 में भारतीय शहरों से हर दिन लगभग 1,61,304 टन नगरपालिका ठोस कचरा (MSW) पैदा हुआ। इसमें से लगभग 52 प्रतिशत, लगभग 83720 टन, जैविक कचरा है जिसमें बचा हुआ भोजन, रसोई का कचरा, उद्यान और बागवानी कचरा इत्यादि शामिल है। जब यह कचरा डंपसाइट्स पर जाता है तो इस कचरे के सड़ने से मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी ग्रीनहाउस गैसें (GHG) निकलती हैं ये गैसें ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए बहुत ही खतरनाक हैं और साथ ही ये गैसें आस पास के लोगों के लिए बीमारियां पैदा करती हैं। तो क्यों न अपने आस पास के लोगों का ख्याल रखें और घर पर ही इस कचरे से खाद बनाना शुरू कर दें। घर पर खाद बनाने के लिए किसी ख़ास ट्रेनिंग और स्किल की